UPS (एकीकृत पेन्शन योजना) केंद्राची अधिसूचना Unified Pension Scheme

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UPS (एकीकृत पेन्शन योजना) केंद्राची अधिसूचना Unified Pension Scheme

फा. सं. एफएक्स-1/3/2024-पीआर- वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग) की दिनांक 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना संख्या एफ सं. 5/7/2003-ईसीबीएंडपीआर और वित्त मंत्रालय (वित्तीय सेवाएं विभाग) की दिनांक 31 जनवरी, 2019 की अधिसूचना संख्या एफ सं. 1/3/2016-पीआर के आंशिक संशोधन में, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत कवर होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में एकीकृत पेंशन योजना शुरू करने का निर्णय लिया है।

2.एकीकृत पेंशन योजना केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों पर लागू होगी जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत आते हैं और जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत इस विकल्प को चुनते हैं। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं होंगी, अर्थात्ः

योजना के अंतर्गत पात्रता

(i)सुनिश्चित भुगतान केवल निम्नलिखित मामलों में उपलब्ध होगा, अर्थात्ः

(क) यदि कोई कर्मचारी दस वर्ष की अर्हक सेवा के पश्चात् अधिवर्षिता प्राप्त कर लेता है तो अधिवर्षिता की

तारीख से;

ख) एफआर 56 (ञ) (जो केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के अंतर्गत कोई शास्ति नहीं है) के प्रावधानों के अंतर्गत एक कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने के मामले में सरकार द्वारा ऐसी सेवानिवृत्ति की तारीख से; और

(ग) 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा अवधि के पश्चात् स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में, यदि सेवा अवधि अधिवर्षिता तक जारी रहती तो उस तारीख से जब ऐसा कर्मचारी अधिवर्षिता प्राप्त कर लेता।

(ii) सेवा से हटाने या बर्खास्तगी या कर्मचारी के इस्तीफे के मामले में सुनिश्चित भुगतान उपलब्ध नहीं होगा। ऐसे मामलों में एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प लागू नहीं होगा।

योजना के अंतर्गत लाभ

(iii)

इस योजना के अंतर्गत सुनिश्चित भुगतान, इस अधिसूचना में उल्लिखित अन्य शर्तों के अध्यधीन, निम्नानुसार

होगा, अर्थात्ः-

(क) पूर्ण सुनिश्चित भुगतान की दर सेवानिवृत्ति से तुरंत पहले 12 मासिक औसत मूल वेतन की 50% होगी। पूर्ण सुनिश्चित भुगतान न्यूनतम 25 वर्षों की अर्हक सेवा के पश्चात् देय है;

(ख) कम अर्हक सेवा अवधि के मामले में आनुपातिक भुगतान स्वीकार्य होगा;

(ग) दस साल या उससे अधिक की अर्हक सेवा के पश्चात् सेवानिवृत्त होने पर प्रति माह 10,000 रुपये का न्यूनतम गारंटीयुक्त भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा; और

(घ) न्यूनतम 25 वर्ष की अर्हक सेवा के पश्चात् स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में सुनिश्चित भुगतान, उस तारीख से शुरू होगा, जिस तारीख को कर्मचारी सेवा में जारी रहते हुए अधिवर्षिता प्राप्त कर लेता।

अधिवर्षिता के पश्चात् भुगतान धारक की मृत्यु के मामले में उसकी मृत्यु से तत्काल पूर्व भुगतान धारक को स्वीकार्य भुगतान का 60% कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी (यथा अनुप्रयोज्य अधिवर्षिता या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या एफआर 56 (ञ) के अंतर्गत सेवानिवृत्ति की तारीख) को दिया जाएगा।

महंगाई राहत, सुनिश्चित भुगतान और पारिवारिक भुगतान, जैसा भी मामला हो, पर उपलब्ध होगी। महंगाई राहत की गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते की तरह ही की जाएगी। महंगाई राहत केवल भुगतान शुरू होने पर ही देय होगी।

अर्हक सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (मूल वेतन महंगाई भत्ता) की 10% की दर से

अधिवर्षिता पर एकमुश्त भुगतान की अनुमति दी जाएगी। यह एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित भुगतान की मात्रा को प्रभावित नहीं करेगा।

(vii) एकीकृत पेंशन योजना विकल्प के अंतर्गत कॉर्पस दो निधियों को मिलाकर बनेगा, अर्थात्ः-

(क) कर्मचारी के अंशदान और उसी के बराबर केंद्र सरकार के अंशदान के साथ एक व्यक्तिगत कॉर्पस, और

(ख) केन्द्र सरकार के अतिरिक्त अंशदान के साथ एक पूल कॉर्पस।

(viii) कर्मचारियों का अंशदान (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का 10% होगा। इसके बराबर ही केंद्र सरकार का भी अंशदान (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का 10% होगा। दोनों को प्रत्येक कर्मचारी के व्यक्तिगत कॉर्पस में जमा किया जाएगा।

(ix) केंद्र सरकार उन सभी कर्मचारियों के अनुमानित 8.5% (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का अतिरिक्त अंशदान की व्यवस्था करेगी, जिन्होंने समग्र आधार पर पूल कॉर्पस के स्थान पर एकीकृत पेंशन योजना के विकल्प को चुना है। अतिरिक्त अंशदान एकीकृत पेंशन योजना विकल्प के अंतर्गत सुनिश्चित भुगतान की सहायता के लिए है।

(x) कर्मचारी केवल व्यक्तिगत कॉर्पस के लिए ही निवेश के विकल्पों को अपना सकते हैं। ऐसे निवेश विकल्पों को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा विनियमित किया जाएगा। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर निवेश का ‘डिफॉल्ट पैटर्न’ परिभाषित किया जा सकता है। यदि कोई कर्मचारी व्यक्तिगत कॉर्पस में निवेश के विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, तो निवेश का ‘डिफ़ॉल्ट पैटर्न लागू होगा।

(xi) केन्द्र सरकार के अतिरिक्त अंशदान के माध्यम से निर्मित पूल कॉर्पस के लिए निवेश संबंधी निर्णय का पूरा अधिकार केन्द्र सरकार का होगा।

(xii) उन कर्मचारियों के संबंध में, जो एकीकृत पेंशन योजना के परिचालन की तारीख से पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं और जो एकीकृत पेंशन योजना विकल्प को चुनते हैं, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण टॉप-अप राशि उपलब्ध कराने के लिए तंत्र का निर्धारण करेगा।

स्पष्टीकरणः इस अधिसूचना के प्रयोजन हेतु मूल वेतन में निजी प्रैक्टिस के बदले चिकित्सा अधिकारी को दिया गया गैर- प्रैक्टिसिंग भत्ता शामिल है।

3. एकीकृत पेंशन योजना के विकल्प के परिचालन में आने की प्रभावी तारीख को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत केंद्र सरकार के विद्यमान कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के भावी कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत या तो एकीकृत पेंशन योजना के विकल्प का चयन कर सकते हैं या एकीकृत पेंशन योजना के विकल्प के बिना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में बने रह सकते हैं। यदि कोई कर्मचारी एकीकृत पेंशन योजना के विकल्प का चयन करता है, तो इसके सभी निर्धारण एवं शर्ते को अपनाया गया माना जाएगा और यह एक बार चुने जाने के बाद अंतिम होगा।

4. एक बार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत कवर किए गए कर्मचारी, जो एकीकृत पेंशन योजना विकल्प के परिचालन की प्रभावी तिथि पर सेवा में हैं, एकीकृत पेंशन योजना विकल्प का उपयोग करते हैं, तो कर्मचारी स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली कॉर्पस बकाया को एकीकृत पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी के व्यक्तिगत कॉर्पस में अंतरित कर दिया जाएगा।

5. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत कवर किए गए प्रत्येक कर्मचारी, जिन्होंने एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प लिया है, के लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा निर्धारित तरीके से ‘बेंचमार्क कॉर्पस’ मूल्य की गणना निम्नलिखित पूर्वानुमानों के साथ की जाएगी, अर्थात्ः –

(क) अर्हक सेवा के प्रत्येक महीने के लिए कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों के लिए प्रयोज्य अंशदान की नियमित प्रासि;

(ख) अनुपलब्ध अंशदानों के मामले में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किया जाने वाला उपयुक्त मूल्य तय किया जाएगा; और

(ग) ऐसे अंशदानों का निवेश पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा यथा परिभाषित निवेश के ‘डिफ़ॉल्ट पैटर्न’ के अनुसार किया जाता है।

6. कर्मचारी के निवेश विकल्पों के साथ व्यक्तिगत कॉर्पस में मूल्य या यूनिटों को आवधिक आधार पर ऐसे कर्मचारी को सूचित किया जाएगा। इसके साथ-साथ, कर्मचारी के अनुरूप बेंचमार्क कॉर्पस के मूल्य या यूनिटों, जिनकी गणना उपरोक्त

पैरा 5 के अनुसार की गई है, को भी कर्मचारी को सूचित किया जाएगा।

7. अधिवर्षिता या सेवानिवृत्ति पर एकीकृत पेंशन योजना विकल्प के अंतर्गत कर्मचारी की अर्हक सेवा उस कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित की जाएगी जहां वह कार्यरत है।

8. अधिवर्णिता या सेवानिवृत्ति पर एकीकृत पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी सुनिश्चित भुगतान के प्राधिकार के लिए बेंचमार्क कॉर्पस के मूल्य या यूनिटों के बराबर पूल कॉर्पस में व्यक्तिगत कॉर्पस के मूल्य या यूनिटों को अंतरित करने के लिए प्राधिकृत करेगा। यदि व्यक्तिगत कॉर्पस का मूल्य या यूनिट बेंचमार्क कॉर्पस के मूल्य या यूनिट से कम है, तो कर्मचारी के पास इस अंतर को पूरा करने के लिए अतिरिक्त अंशदान की व्यवस्था करने का विकल्प होगा। यदि व्यक्तिगत कॉर्पस का मूल्य या यूनिट बेंचमार्क कॉर्पस के मूल्य या यूनिट से अधिक है, तो कर्मचारी बेंचमार्क कॉर्पस के बराबर मूल्य या यूनिट के अंतरण को अधिकृत करेगा और व्यक्तिगत कॉर्पस में शेष राशि कर्मचारी को दी जाएगी।

9. यदि कर्मचारी द्वारा व्यक्तिगत कॉर्पस से पूल कॉर्पस में अंतरित मूल्य या यूनिट, बेंचमार्क कॉर्पस के मूल्य या यूनिट से कम हैं, तो सुनिश्चित भुगतान के अनुपात में भुगतान अधिकृत किया जाएगा।

10. एकीकृत पेंशन योजना, एक ‘निधि-आधारित’ पेंशन प्रणाली होने के नाते, कर्मचारियों को सुनिश्चित भुगतान प्रयोज्य अंशदान (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों से) के नियमित और समय पर संचय और निवेश पर निर्भर करता है।

11. सुस्पष्टता के लिए यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भी कर्मचारी जिसने इस अधिसूचना के अंतर्गत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अधीन एकीकृत पेंशन योजना के विकल्प का चयन किया है. वह सेवानिवृत्ति के पश्चात् सहित किसी अन्य नीतिगत रियायत, नीति परिवर्तन, वित्तीय लाभ, बाद में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के साथ किसी भी समानता आदि की मांग के लिए पात्र नहीं होगा और दावा नहीं कर सकता है।

12. एकीकृत पेंशन योजना के प्रावधान उन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारियों, जो एकीकृत पेंशन योजना के परिचालन की तारीख से पहले अधिवर्षिता प्राप्त कर चुके हैं, पर भी यथोचित परिवर्तनों के साथ लागू होंगे। ऐसे अधिवर्षिता प्राप्त कर्मचारियों को लोक भविष्य निधि दरों के अनुसार ब्याज सहित पिछली अवधि के लिए बकाये का भुगतान किया जाएगा। ऐसे अधिवर्षिता प्राप्त कर्मचारियों के लिए मासिक टॉप-अप राशि, जिसे पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किया जाएगा, का भुगतान उनके द्वारा की गई निकासी और उन्हें भुगतान की गई वार्षिकी को समायोजित करने के पश्चात् किया जाएगा।

13. अधिवर्षिता के समय अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना करने वाले या जहां सेवानिवृत्ति के पश्चात् अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया जाता है, ऐसे कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना विकल्प के अंतर्गत सुनिश्चित भुगतान के बारे में प्रावधान अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

14. विभिन्न परिदृश्यों के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना के भुगतान कार्यकरण के रूप में व्याख्यात्मक उदाहरण अनुबंध में दिए गए हैं।

15. पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण एकीकृत पेंशन योजना के परिचालन के लिए विनियम जारी कर सकता है।

16. एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के परिचालन की प्रभावी तिथि 1 अप्रैल, 2025 होगी।