नदी की आत्मकथा हिंदी निबंध essay on nadi ki atmkatha

नदी की आत्मकथा हिंदी निबंध essay on nadi ki atmkatha  मैं नदी हूँ। चंचल, स्वच्छंद, इठलाती हुई। मेरा जन्म हिमालय की गोद में एक छोटे से झरने के रूप में हुआ। वहाँ से निकलकर मैं मंथर गति से आगे बढ़ती गई, और फिर अचानक मुझे गति मिल गई और मैं कलकल करती, उछलती कूदती, कुलांचिया … Read more