पंजाब नॅशनल बँक में 1025 लिपीक पदोंके लिये भरती panjab national bank recruitment 

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पंजाब नॅशनल बँक में 1025 लिपीक पदोंके लिये भरती panjab national bank recruitment 

क. रिक्तियों/आरक्षित रिक्तियों की संख्या अनंतिम (अस्थायी) है एवं बैंक की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार भिन्न हो सकती है। आरक्षण में आरक्षित रिक्तियों की कमी भी शामिल है। कृपया ध्यान दें कि प्रत्येक स्केल में विभिन्न पदों के संबंध में आरक्षण बैंक द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

जाहिरात येथे पहा

ख. आरक्षित श्रेणियों से संबंधित अभ्यर्थी जिनके लिए कोई रिक्ति घोषित नहीं की गई है, वे अनारक्षित श्रेणी के लिए घोषित रिक्तियों के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं, बशर्ते वे अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।

ग. सभी पदों के लिए, भारत में कहीं भी सेवा प्रदान करने के इच्छुक अभ्यर्थी ही आवेदन करें।

घ. बेंचमार्क अक्षमता वाले व्यक्तियों (पीडब्लूबीडी) के संबंध में:

i. चूंकि पीडब्ल्यूबीडी के लिए आरक्षण समस्तरीय (horizontal) आधार पर है, अतः चयनित अभ्यर्थियों को उपयुक्त श्रेणी (अर्थात अ. जा./ अ. ज.जा./अ. पि. व.//ईडब्लूएस/ अना.) में रखा जाएगा, जिससे वे संबंधित हैं।

ii. यह स्पष्ट किया जाता है कि बेंचमार्क अक्षमता वाले अभ्यर्थियों को बैंक के सभी कार्यालयों/ शाखाओं में पदस्थापित करना संभव नहीं है एवं उनके चयन होने की स्थिति में, उन्हें बैंक द्वारा उनके लिए चयनित उपयुक्त पद पर काम करना होगा।

iii. चयनित अभ्यर्थियों को बैंक के विवेकाधिकार पर, बैंक की किसी भी शाखा/ कार्यालय में, भारत में कहीं भी आवश्यकतानुसार तैनात किया जा सकता है।

2. पात्रता मानदंड

2.1 राष्ट्रीयता / नागरिकता

अभ्यर्थी या तो –

i. भारत का नागरिक हो या

ii. नेपाल का नागरिक हो या

iii. भूटान का नागरिक हो या

iv. कोई तिब्बती शरणार्थी जो भारत में स्थायी रूप से बसने के प्रयोजन से 1 जनवरी 1962 से पहले भारत आया था या

v. भारतीय मूल का कोई व्यक्ति जो पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या, युगांडा, संयुक्त गणराज्य तंजानिया (पूर्व में तांगानिका एवं ज़ांज़ीबार), जाम्बिया, मलावी, जैरे, इथियोपिया एवं वियतनाम से भारत में स्थायी रूप से बसने के लिए देशांतरण किया हो,

बशर्ते कि उपर्युक्त (ii), (iii), (iv) एवं (v) श्रेणियों से संबंधित अभ्यर्थी वह व्यक्ति होगा जिसके पक्ष में भारत सरकार द्वारा पात्रता का प्रमाण पत्र जारी किया गया हो।

उपर्युक्त मामलों में जहां शैक्षणिक योग्यता के लिए मानदंड के रूप में एमबीए या पीजीडीएम या समकक्ष का उल्लेख किया गया है, निम्नलिखित दिशानिर्देश लागू होंगे:

क. पाठ्यक्रम 02 वर्ष की अवधि का होना चाहिए।

ख. पाठ्यक्रम पूर्णकालिक होना चाहिए। पत्राचार/अंशकालिक/दूरस्थ माध्यम से पूरे किए गए पाठ्यक्रम पर विचार नहीं किया जाएगा।

ग. दोहरी विशेषज्ञता के मामले में, विशेषज्ञता के दो क्षेत्रों में से कोई एक, पद के लिए निर्धारित क्षेत्र में किया जाना चाहिए। समान भार के साथ दोहरी विशेषज्ञता मान्य होगी।

घ. प्रमुख सूक्ष्म विशेषज्ञता के मामले में, प्रमुख विशेषज्ञता पद के लिए निर्धारित क्षेत्र में होनी चाहिए।

ङ. एमबीए या पीजीडीएम या समकक्ष में दो से अधिक विशेषज्ञता या सामान्य एमबीए या पीजीडीएम या समकक्ष वाले अभ्यर्थी आवेदन करने के पात्र नहीं हैं।

च. संस्थान / महाविद्यालय/विश्वविद्यालय सरकारी निकाय/एआईसीटीई/पूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त/अनुमोदित होना चाहिए।

नोटः

क. पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता का स्तर न्यूनतम है। उम्मीदवारों के पास पंजीकरण की अंतिम तिथि अर्थात 25.02.2024 को उपर्युक्त योग्यता/ प्रमाणन / शैक्षणिक योग्यता के उपरांत कार्य अनुभव अवश्य होना चाहिए तथा विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय / संस्थान से जारी अंक तालिका एवं अनंतिम प्रमाणपत्र/ डिग्री प्रमाणपत्र/ पाठ्यक्रम पूरा होने का प्रमाणन प्रमाणपत्र एवं शैक्षिक योग्यता के बाद संबंधित क्षेत्र में कार्य अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। 25.02.2024 को या उससे पहले निर्धारित अर्हता एवं प्रमाणन का परिणाम घोषित होना चाहिए । यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रमाणपत्र 25.02.2024 को वैध हो। परिणाम की घोषणा की सही तिथि डिग्री प्रमाण पत्र या विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय / संस्थान द्वारा जारी किसी अन्य प्रमाण पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लिखित होनी चाहिए अन्यथा, पात्रता तय करने के लिए अंकपत्र / प्रोविजनल सर्टिफिकेट/डिग्री सर्टिफिकेट पर प्रदर्शित तिथि को पात्रता हेतु मान्य समझा जाएगा। इस मामले में किसी भी पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा।

ख. अभ्यर्थी को विशेष रूप से ऑनलाइन आवेदन में स्नातक/स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा में प्राप्त प्रतिशत को निकटतम दो दशमलवों तक परिकलित करना होगा। जहां सीजीपीए ओजीपीए या अन्य कोई ग्रेड प्रदान किया जाता है, उसे प्रतिशत में परिवर्तित करना होगा एवं ऑनलाइन आवेदन में दर्शाना होगा। अभ्यर्थी को अन्य बातों के साथ-साथ उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा जारी एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें ग्रेड को प्रतिशत में बदलने के संबंध में विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय के मानदंड एवं मानदंडों के अनुसार अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त अंकों का प्रतिशत लिखा हो।

ग. प्रतिशत की गणनाः प्रतिशत अंक सभी विषयों में सभी सेमेस्टर (र्स) / वर्ष (र्षों) में उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों को सभी विषयों में कुल अधिकतम अंकों से विभाजित करके प्राप्त किया जाएगा, भले ही ऑनर्स / वैकल्पिक / अतिरिक्त वैकल्पिक विषय, यदि कोई हो। यह उन विश्वविद्यालयों के लिए भी लागू होगा जहां कक्षा/ग्रेड का निर्धारण केवल ऑनर्स अंकों के आधार पर किया जाता है।

घ. प्रतिशत के अंश को अनदेखा कर दिया जाएगा अर्थात 59.99% को 60% से कम माना जाएगा।

(

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति

(i) ii) अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर)

05 वर्ष

(iii)

“दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016” के अंतर्गत परिभाषित बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति

8/35

05 99

(iv

) भूतपूर्व सैनिक, कमीशन अधिकारी जिनमें आपातकालीन कमीशन अधिकारी (ईसीओ)/शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी (एसएससीओ) शामिल हैं, जिन्होंने कम से कम 5 वर्ष की सैन्य सेवा प्रदान की है एवं सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार अधिकतम सीमा के अधीन, असाइनमेंट पूरा होने पर मुक्त कर दिया गया है (उन लोगों सहित जिनका असाइनमेंट आवेदन प्राप्त होने की अंतिम तिथि से एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना है) अन्यथा जिनकी बर्खास्ती अथवा सेवामुक्ति कदाचार के कारण अथवा अक्षमता अथवा सैन्य सेवा के कारण हुई शारीरिक दिव्यांगता अथवा अशक्तता के कारण हुई हो।

(v)

1984 के दंगों से प्रभावित व्यक्ति

05 वर्ष

नोटः

क. उपर्युक्त 2.2 में निर्दिष्ट अधिकतम आयु सीमा अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए लागू है।

ख. अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में छूट केवल शेष श्रेणियों में से एक के साथ संचयी आधार पर दी जाती है जिसके लिए आयु में छूट बिंदु संख्या 2.4 (iii) से (v) में उल्लेखित अनुसार अनुमति है।

ग. आयु में छूट/अन्य लाभ चाहने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के समय एवं भर्ती प्रक्रिया के किसी भी चरण में बैंक द्वारा मांगे जाने पर अपेक्षित मूल/प्रतियों में आवश्यक प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता होगी, ऐसा नहीं करने पर उन्हें साक्षात्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी / उनकी उम्मीदवारी किसी

भी स्तर पर रद्द की जा सकती है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / ईडब्ल्यूएस / पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी के उम्मीदवारों के मामले में भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जाति / श्रेणी प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए।

घ. ओबीसी श्रेणी से संबंधित उम्मीदवारों के मामले में, प्रमाण पत्र में विशेष रूप से एक क्लॉज़ होना चाहिए कि उम्मीदवार भारत सरकार के अंतर्गत सिविल पद एवं सेवाओं में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के लाभों से बाहर क्रीमी लेयर वर्ग से संबंधित नहीं है। उम्मीदवार के पास समय-समय पर भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार गैर- क्रीमी लेयर क्लॉज के साथ एक वैध ओबीसी प्रमाणपत्र होना चाहिए। ओबीसी श्रेणी से संबंधित लेकिन क्रीमी लेयर के अंतर्गत आने वाले उम्मीदवार ओबीसी आरक्षण के हकदार नहीं हैं। उन्हें ऑनलाइन आवेदन पत्र में अपनी श्रेणी अनारक्षित के रूप में दर्शानी चाहिए।

ङ. भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के लिए उपलब्ध छूट / अन्य लाभों का लाभ उठाने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के दौरान या भर्ती प्रक्रिया के किसी भी चरण में बैंक द्वारा मांगे जाने पर निर्वहन प्रमाण पत्र / सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसमें वर्णित होगा कि वे 24.02.2025 को या उससे पहले कार्यमुक्त होने वाले हैं, प्रस्तुत करना होगा और ऐसा न करने पर उन्हें साक्षात्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।

2.5 परिभाषाएं

(क) भूतपूर्व सैनिक (ExSM):

(i) केवल उन उम्मीदवारों को भूतपूर्व सैनिक माना जाएगा जो समय-समय पर संशोधित भार मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग अधिसूचना संख्या 36034/5/85/स्था. 27.10.1986 में निर्धारित संशोधित परिभाषा को पूरा करते हैं। 9/35

(ii) एक भूतपूर्व सैनिक के रूप में उसे उसके पुनर्नियुक्ति के लिए दी गई सुविधा का लाभ उठाने के बाद सिविल पक्ष में नौकरी, सरकारी नौकरियों में पुनर्नियुक्ति के उद्देश्य से उसका भूतपूर्व सैनिक का दर्जा समाप्त हो जाता है। हालांकि, यदि कोई भूतपूर्व सैनिक किसी सिविल रोजगार में शामिल होने से पहले विभिन्न रिक्तियों के लिए आवेदन करता है, तो वह किसी भी उत्तरवर्ती रोजगार के लिए भूतपूर्व सैनिक के रूप में आरक्षण का लाभ उठा सकता है। लेकिन, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, एक भूतपूर्व सैनिक जैसे ही वह किसी भी सिविल रोजगार में कार्यग्रहण करता है, उसे संबंधित नियोक्ता को विभिन्न रिक्तियों के लिए आवेदन के दिनांक- वार विवरण के बारे में स्व-घोषणा/वचनबद्धता देनी चाहिए जिसके लिए प्रारंभिक सिविल रोजगार में कार्यग्रहण करने से पूर्व आवेदन किया गया है। इसके अलावा, यह लाभ केवल उन रिक्तियों के संबंध में उपलब्ध होगा

जो सीधी भर्ती पर भरी जाती हैं एवं जहां भी भूतपूर्व सैनिक के लिए आरक्षण लागू होता है। अधिकारी संवर्ग में पूर्व सैनिकों के लिए भर्ती में कोई आरक्षण नहीं है।

(ख) बेंचमार्क अक्षमता वाले व्यक्तिः

“दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016” की धारा 34 के अंतर्गत बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्ति आरक्षण के लिए पात्र हैं। आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 की अनुसूची में यथापरिभाषित एवं समय-समय पर दिव्यांगजन के सशक्तिकरण विभाग द्वारा अधिसूचित दिव्यांगों की श्रेणियों के अंतर्गत व्यक्तियों के लिए उपरोक्त पदों को उपयुक्त समझा गया है।

1. “ओसी” श्रेणी: मस्कुलोस्केलेटल या तंत्रिका तंत्र या दोनों की पीड़ा के परिणामस्वरूप स्वयं एवं वस्तुओं की गति से जुड़ी विशिष्ट गतिविधियों को निष्पादित करने में एक व्यक्ति की अक्षमता, जिसमें कुष्ठ रोगमुक्त, सेरेब्रल पाल्सी, बौनापन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एवं एसिड अटैक पीड़ित शामिल हैं। अस्थि दिव्यांग व्यक्तियों को निम्न बेंचमार्क के

साथ गतिशिल दिव्यांगता के अंतर्गत कवर किया गया है:

क. “कुष्ठ रोगमुक्त व्यक्ति” का अर्थ है वह व्यक्ति जो कुष्ठ रोग से ठीक हो गया है लेकिन निम्न से पीड़ित है:

i. हाथों या पैरों में संवेदना की कमी के साथ-साथ आंख एवं पलक में संवेदना एवं पैरेसिस की कमी लेकिन

कोई प्रकट विकृति नहीं; ii. प्रकट विकृति एवं पैरेसिस हो लेकिन उनके हाथों एवं पैरों में पर्याप्त गतिशीलता हो ताकि वे सामान्य आर्थिक गतिविधियों में संलग्न हो सकें;

iii. अत्यधिक शारीरिक विकृति के साथ-साथ अधिक आयु जो उसे किसी भी लाभकारी व्यवसाय को करने से रोकती है, एवं “कुष्ठ रोगमुक्त” का अर्थ तदनुसार लगाया जाएगा;

ख. “सेरेब्रल पाल्सी” का अर्थ शरीर की गतिविधियों एवं मांसपेशियों के समन्वय को प्रभावित करने वाली गैर- प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल स्थितियों का एक समूह है, जो मस्तिष्क के एक या अधिक विशिष्ट क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाता है, जो सामान्यतः जन्म से पहले, उसके दौरान या उसके तुरंत बाद होता है;

ग. “बौनापन” का अर्थ एक चिकित्सा या आनुवंशिक स्थिति है जिसके परिणामस्वरूप 4 फीट 10 इंच (147 सेंटीमीटर) या उससे कम की वयस्क ऊंचाई होना है;

घ. “मस्कुलर डिस्ट्रॉफी” का अर्थ वंशानुगत आनुवंशिक मांसपेशियों की बीमारी का एक समूह है जो मानव शरीर को गति देने वाली मांसपेशियों को कमजोर करता है एवं कई डिस्ट्रोफी वाले व्यक्तियों के जीन में गलत एवं सूचना अनुपलब्ध होती है, जो उन्हें स्वस्थ मांसपेशियों के लिए आवश्यक प्रोटीन बनाने से रोकती है। यह प्रगतिशील कंकाल की मांसपेशियों की कमजोरी, मांसपेशियों के प्रोटीन में दोष एवं मांसपेशियों की कोशिकाओं एवं ऊतकों की मृत्यु की विशेषता है;

ङ. “एसिड अटैक पीड़ित” का अर्थ है तेजाब या इसी तरह के संक्षारक पदार्थ को फेंकने 10/35 कारण विकृत व्यक्ति।

II. “VI” श्रेणी (दृष्टिबाधित): केवल वे दृष्टिबाधित (VI) व्यक्ति जो निम्नलिखित में से किसी एक स्थिति से पीड़ित हैं, सर्वोत्तम सुधार के बाद, आवेदन करने के लिए पात्र हैं।

क. अंधापनः

दृष्टि की पूर्ण अनुपस्थिति; या

i. ii. दृश्य तीक्ष्णता 3/60 से कम या 10/200 से कम (स्प्रेलन) बेहतर आँख में सर्वोत्तम संभव सुधार के साथ; या

iii. दृष्टि के क्षेत्र की सीमा 10 डिग्री से कम के कोण में घटना।

ख. कम दृष्टिः

i. दृश्य तीक्ष्णता 6/18 से अधिक या 20/60 से कम 3/60 तक या 10/200 (स्नेलन) तक बेहतर आँख में

सर्वोत्तम संभव सुधारों के साथ; या

ii. दृष्टि के क्षेत्र की सीमा 40 डिग्री से कम के कोण को 10 डिग्री तक घटना।

III. “HI” श्रेणी (श्रवण बाधित):

क. बधिर (डीफ): इसका अर्थ है कि दोनों कानों में वाणी आवृत्तियों में 70 डीबी श्रवण हानि वाले व्यक्ति।

ख. सुनने में मुश्किलः इसका अर्थ है कि दोनों कानों में वाणी आवृत्तियों में 60 डीबी से 70 डीबी श्रवण कमी वाले व्यक्ति।

IV. “आईडी” श्रेणी: केवल वे व्यक्ति, जो निम्न में से किसी एक प्रकार की अक्षमता से पीड़ित हैं, इस श्रेणी के अंतर्गत आवेदन करने के पात्र हैं:

क. बौद्धिक दिव्यांगताः

i. “ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर” (एएसडी) का अर्थ है एक न्यूरो-डेवलपमेंटल स्थिति जो सामान्यतः जीवन के पहले तीन वर्षों में दिखाई देती है जो किसी व्यक्ति की संवाद करने, रिश्तों को समझने एवं दूसरों से संबंधित होने की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है, एवं अक्सर असामान्य या रूढ़िवादी अनुष्ठानों या व्यवहारों से जुड़ी होती है।

ii. “विशिष्ट सीखने की अक्षमता” (एसएलडी) का अर्थ परिस्थितियों का एक विषम समूह है, जिसमें बोली जाने वाली या लिखित भाषा को संसाधित करने में कमी होती है, जो खुद को समझने, बोलने, पढ़ने, लिखने, वर्तनी या गणितीय गणना करने में कठिनाई के रूप में प्रकट हो सकती है एवं अवधारणात्मक

अक्षमता, डिस्लेक्सिया, डिस्ग्राफिया, डिस्केल्कुलिया, डिस्प्रेक्सिया एवं विकासात्मक वाचाघात जैसी स्थितियां शामिल हैं।

iii. “मानसिक बीमारी” (एमआई) का अर्थ है सोच, मनोदशा, धारणा, अभिविन्यास या स्मृति का एक बड़ा विकार जो निर्णय, व्यवहार, वास्तविकता को पहचानने की क्षमता या जीवन की सामान्य मांगों को पूरा करने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है, लेकिन इसमें मंदता शामिल नहीं है जो किसी व्यक्ति के दिमाग के अवरुद्ध या अपूर्ण विकास की स्थिति है जो, विशेष रूप से बुद्धि की उप सामान्यता द्वारा लक्षित होती है।

ख. “एकाधिक दिव्यांगताओं” का अर्थ है पैरा 2.5 (ख) के खंड “I”; “II”; “III”; ” IV (क)” के बीच कई अक्षमताएँ।

नोट:

क. डीओपीएंडटी ने ओएम संख्या 36035/8/2023-स्था. (Res-II) दिनांक 19.05.2023 के माध्यम से, के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के साथ परामर्श करते हुए, यह सलाह दी है कि विक प्रमाण पत्र के आधार पर उन नौकरियों में आरक्षण का लाभ देना उचित नहीं होगा जो स्थायी प्रवृ 11/35 इससे अपरिवर्तनीय स्थायी विकलांगता के साथ बेंचमार्क विकलांगता वाले वास्तविक व्यक्तियों पर प्रातकूल प्रभाव पड़ेगा।

ख. केवल बेंचमार्क अक्षमता वाले व्यक्ति ही आरक्षण के लिए पात्र होंगे। “बेंचमार्क अक्षमता” वाले व्यक्ति का अर्थ है एक निर्दिष्ट दिव्यांगता के न्यूनतम 40% वाला व्यक्ति, जहां निर्दिष्ट दिव्यांगता को मापने योग्य शर्तों में परिभाषित नहीं किया गया है एवं इसमें दिव्यांगता वाले व्यक्ति शामिल हैं, जहां दिव्यांगता को मापने योग्य शर्तों में परिभाषित किया गया है, जैसा कि प्रमाणन प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया है।

ग. जो व्यक्ति आरक्षण का लाभ लेना चाहता है, उन्हें भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। ऐसा प्रमाणपत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय किए गए सत्यापन/ पुनः सत्यापन के अधीन होगा।

घ. बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित रिक्तियों का आवंटन “दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016” में निर्धारित एवं बैंक द्वारा निर्धारित रिक्तियों के अनुसार होगा।

(ग) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण:

(i) ऐसे व्यक्ति जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (केन्द्रीय सूची) के लिए आरक्षण की मौजूदा योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं एवं जिनके परिवार की सकल वार्षिक आय रु० 8.00 लाख (आठ लाख रुपये मात्र) से कम है, उन्हें आरक्षण के लाभ हेतु ईडब्ल्यूएस के रूप में चिन्हित किया जाएगा। आय में सभी स्रोतों अर्थात वेतनमान, कृषि, कारोबार, पेशे आदि से प्राप्त आय शामिल होगी एवं यह आवेदन के वर्ष से पहले के वित्तीय वर्ष की आय होगी। साथ ही जिन व्यक्तियों के परिवार के पास निम्नलिखित में से कोई भी संपत्ति है या धारित है, उन्हें परिवार की आय पर ध्यान दिए बिना ईडब्ल्यूएस के

रूप में चिन्हित किये जाने से बाहर रखा जाएगा:

i. 5 एकड़ एवं उससे अधिक कृषि भूमि;

ii. 1000 वर्ग फुट एवं उससे ऊपर का आवासीय फ़्लैट;

iii. अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज एवं उससे अधिक के आवासीय भूखंड; iv. अधिसूचित नगरपालिकाओं के अलावा अन्य क्षेत्रों में 200 वर्ग गज एवं उससे अधिक के आवासीय भूखंड।

(ii) एक “परिवार” द्वारा विभिन्न स्थानों या विभिन्न जगहों / शहरों में रखी गई संपत्ति को ईडब्ल्यूएस स्थिति निर्धारित करने के लिए भूमि या संपत्ति धारण परीक्षण लागू करते समय जोड़ा जाएगा।

(iii) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किसी एक प्राधिकारी द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी आय एवं संपत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर आरक्षण का लाभ उठाया जा सकता है और केवल यही ईडब्ल्यूएस से संबंधित उम्मीदवार के दावे के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा।

(iv) इस प्रयोजन हेतु “परिवार” शब्द में वह व्यक्ति शामिल होगा, जो आरक्षण का लाभ चाहता है, उसके माता- पिता एवं 18 वर्ष से कम उम्र के भाई-बहन एवं उसके जीवनसाथी एवं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ।

अस्वीकरण: ईडब्ल्यूएस रिक्तियां संभावित हैं एवं भारत सरकार के अगले निर्देशों एवं किसी भी मुकदमे के परिणाम के अधीन हैं। ये दिशानिर्देश समय-समय पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों/ स्पष्टीकरणों, यदि कोई हो, के संदर्भ में परिवर्तन के अधीन हैं।

Ⅱ. व्यक्तिगत साक्षात्कारः बैंक द्वारा व्यक्तिगत साक्षात्कार निम्नलिखित पद्धति से आयोजित किया जाएगा:

i. उम्मीदवार जो भाग। में बैंक द्वारा तय किए गए न्यूनतम अर्हता अंक प्राप्त करते हैं, उनके द्वारा भाग – । अर्थात व्यावसायिक ज्ञान परीक्षा में प्राप्त अंकों के अनुसार तैयार की गई मेरिट के आधार पर साक्षात्कार हेतु शॉर्टलिस्टिंग के लिए मान्य होगा, बशर्ते वे संबंधित पद के लिए शैक्षिक योग्यता एवं शैक्षिक योग्यता के उपरांत कार्य अनुभव से संबंधित अन्य पात्रता मानदंड को पूरा करते हों।

ii. उपर्युक्त के अनुसार बनाई गई मेरिट के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की पात्रता के समर्थन में दस्तावेज एकत्र किए जाएंगे एवं केवल उन उम्मीदवारों को ही, जो संबंधित पद के लिए निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार पात्र पाए गए हैं, जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।

iii. व्यक्तिगत साक्षात्कार 50 अंकों का होगा। साक्षात्कार में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अर्हता अंक 45% अर्थात 22.50 एवं अन्य उम्मीदवारों के लिए 50% अर्थात 25 होंगे।

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