“पानी की समस्या” हिंदी निबंध essay on pani ki samasya
हम रोज समाचारपत्रों की सुर्खियों में पढ़ रहे हैं ‘दिल्ली में बिजली और पानी की किल्लत।’ ‘मराठवाड़ा में पानी की समस्या विकराल रुप ले रही है।’
कोहिनूर हिदा
पानी, सूर्य से प्राप्त धूप, हवा आदि प्राकृतिक संपदाएं हैं। पानी प्रकृति की अमूल्य भेंट है। पानी न केवल मनुष्य के लिए, परंतु पशु पक्षियों और पेड़-पौधों के लिए भी जीवन है। पानी न रहा तो खेतों में फसल नहीं उगेगी। बिजली का उत्पादन नहीं हो पाएगा। लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा। आज जनसख्या का दबाव, वायुमण्डल में होता निरंतर प्रदूषण, जंगलों का काटा जाना, कम वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग आदि कारणों से पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है।
आज कई गांवों में पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। नदियाँ और तालाब निरंतर सूख रहे हैं। पानी के अभाव में खेतों की फसल प्रभावित हो रही है। पानी की ॥॥॥ समस्या केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, शहर की कई बस्तियों में भी पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। पानी की समस्या दूर करने के लिए सरकार काफी प्रयास कर रही (174P)/2 – से पानी पहुँचाया जाता है, हैण्डपम्प लगा दिए गए हैं। परंतु ज़मीन में जल का स्तर कम हो जाने से सरकार को भी सफलता हासिल कम हो पा रही है।
क्या यह जिम्मेदारी केवल सरकार की है? देश के अच्छे नागरिक होने के नाते हमारा इसमें महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए। हमें पानी की बचत करना सीखना है। जिनके घरों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है उन्हें पानी व्यर्थ बरबाद नहीं करना चाहिए। काम होते ही नल बंद कर दें। पानी का कम से कम उपयोग करें। गंदा हुआ पानी यहाँ वहाँ बहाने के बजाय पैड़ पौधों में डाल देना चाहिए। यदि हम पानी की कीमत जल्द ही नहीं समझे, तो पानी की उपलब्धता प्रति व्यक्ति के हिसाब से बहुत कम हो जाएगी।
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