मेरा प्रिय ऋतु – वर्षा ऋतु हिंदी निबंध essay on mera priy varsha rutu
भारत विभिन्न ऋतुओं का देश है। ये सभी ऋतुएँ प्राकृतिक जीवन के
लिए महत्त्वपूर्ण है। परंतु इन सारे ऋतुओं में मुझे सबसे अधिक वर्षा ऋतु अच्छी लगती है। गर्मी के ताप से जहाँ धरती तप जाती है, प्यास से तिलमिलाती है, वहीं झमाझम बारिश की बूँदें तन-मन को तरोताज़ा कर देती है। गर्मी के महीनों के खत्म होते-होते किसान वर्षा का इंतज़ार करने लगते हैं। हमारे देश में सामान्य तौर पर ७ जून से १५ सितम्बर तक वर्षा की ऋतु होती है। वर्षा ऋतु अर्थात् बरसात के मौसम का मज़ा ही कुछ अलग है। काले घने
बादल आसमान में मँडराने लगते हैं। इनकी गड़गड़ाहट से वर्षा ऋतु के आगमन की सूचना मिलती है। आसमान में बिजलियाँ कौंधने लगती है। टेड़ी-मेड़ी बौछारें पृथ्वी पर बरसने लगती है। चारों ओर पानी-ही-पानी दिखाई देता है। बच्चे और बूढ़े तो क्या पशु-पक्षी भी बरसात के पानी में नहाकर इसका मजा लूटते हैं। वर्षा के आते ही पेड़ हरे-भरे हो जाते हैं। चारो ओर मखमल-सी हरियाली
छा जाती है। मेंढ़क मदहोश होकर टर्राने लगते हैं। वन में मोर मस्त होकर नाचने लगते हैं। चारों ओर एक तरह की स्फूर्ति का संचार हो जाता है। तन-मन आनंद से डोल उठता है। वर्षा ऋतु जीवनदायिनी ऋतु है। किसान का जीवन वर्षा ऋतु पर ही निर्भर है।